चिकन की बिक्री में कमी, प्रशासन ने जारी की एडवायजरी
हमारी पंचायत, देहरादून
उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में बर्ड फ्लू के मामलों को देखते हुए प्रदेश में अलर्ट जारी किया गया है। प्रशासन ने बाहरी मुर्गियों और अंडों पर रोक लगा दी है और मांस विक्रेताओं को सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। चिकन की बिक्री में गिरावट आई है। स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेने को कहा है।
उधमसिंह नगर जिले में 3200 मुर्गियों की मौत की खबर है। वहीं, जिम कॉबेट समेत सभी जू और रेस्क्यू सेंटरों में कोविड जैसे प्रोटोकॉल लागू किए गए हैं। सितारगंज तहसील क्षेत्र के शक्तिगढ़ में एक मुर्गी फॉर्म में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद प्रशासन और पशु चिकित्सा विभाग की टीम ने 1700 से ज्यादा मुर्गियों को पशुपालन मंत्रालय भारत सरकार के निर्देशों के अनुसार दफन किया।
किच्छा में 2222 में बर्डफ्लू की पुष्टि हुई है जबकि खटीमा में सैंकड़ों मुर्गियों की मौत ने प्रशासन को अलर्ट मोड़ पर ला दिया है। जिलाधिकारी द्वारा अधिकारियों को आसपास के मुर्गी पालकों की नियमित रूप से बर्ड फ्लू स्क्रीनिंग ड्राइव संचालित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
प्रशासन ने पोल्ट्री फार्म, मांस की दुकानों और होटलों की नियमित सैंपलिंग और जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा, लोगों को सतर्क रहने और सुरक्षित आदतें अपनाने के लिए विस्तृत एडवाइजरी भी जारी की गई है। बर्ड फ्लू की आशंका ने बाजारों पर असर डालना शुरू कर दिया है। चिकन की बिक्री में भारी गिरावट देखने को मिल रही है।
कई लोग होटलों और रेस्टोरेंट्स में भी चिकन खाने से परहेज कर रहे हैं। हालांकि कीमतों में फिलहाल कोई कमी नहीं हुई है, लेकिन ग्राहकों की संख्या में गिरावट से व्यापारियों की चिंता बढ़ गई है।
उधम सिंह नगर के शक्तिगढ़ क्षेत्र में एक कुक्कुट फॉर्म में पक्षियों में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद आज 24 अगस्त को राजस्व विभाग के मजिस्ट्रेट्स एवं सहयोगी कार्मिकों, पशुपालन विभाग के पशु चिकित्सा वेदों एवं सहयोगी अधिकारियों, नगर निकाय शक्तिगढ़ के अधिशासी अधिकारी एवं सहयोगी कार्मिकों और पुलिस विभाग के कार्मिकों द्वारा मुर्गी फॉर्म की सभी 1 हजार 708 मुर्गियों का वध करने के बाद उन्हें गहराई में दफन किया गया।
जिसके बाद पशुपालन मंत्रालय भारत सरकार द्वारा बर्ड फ्लू की रोकथाम हेतु निर्गत दिशा-निर्देशिका के अनुसार मुर्गी फॉर्म को चरणबद्ध सैनिटाइजेशन किया गया।
दरअसल, 21 अगस्त को सितारगंज के शक्तिगढ़ स्थित मुर्गी फॉर्म में अचानक मुर्गियों के मरने की सूचना प्रशासन को मिली थ। जिसके बाद पशुविभाग की टीम ने मृत मुर्गियों से सैंपल लेकर जांच के लिए राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान, भोपाल भेजा गया थ। 23 अगस्त को मृत मुर्गियों में बर्ड फ्लू होने की पुष्टि हुई थी।
जिसके बाद जिलाधिकारी ने अधिनियम की धारा-20 के तहत संबंधित मुर्गी फॉर्म को केंद्र बिंदु मानते हुए मुर्गी फॉर्म के 1 किमी परिधि अंतर्गत समस्त क्षेत्र को संक्रमित क्षेत्र और 10 किमी परिधि के अंतर्गत समस्त क्षेत्र को सतर्कता क्षेत्र घोषित किया गय।
भारत सरकार के दिशा-निर्देशिका के तहत, आगामी तीन महीने में 10 किमी परिधि के अंतर्गत सतर्कता क्षेत्र में पोस्ट ऑपरेटिव सर्विलांस प्लान के अनुरूप कार्रवाई करते हुए राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशु रोग संस्थान भोपाल को भेजे गए नमूनों की बर्ड फ्लू रिपोर्ट मिलने के बाद ही क्षेत्र को बर्ड फ्लू फ्री जोन माना जाएगा।
इसके साथ ही जिलाधिकारी ने आगामी दिनों में स्वास्थ्य विभाग की टीम के माध्यम से कूलिंग डीप बुरियल ऑपरेशन में योजित विभिन्न विभागीय कर्मियों एवं निटवर्ती क्षेत्रों के मुर्गी पालकों की नियमित रूप से बर्ड फ्लू स्क्रीनिंग ड्राइव संचालित किए जाने के निर्देश दिए गए हैं।