एसडीएम की अध्यक्षता में पंचायत प्रतिनिधियों ने जताई सहमति
नप बनने से लोगों को साडा से मिलेगा छुटकारा
हमारी पंचायत, बैजनाथ (कांगड़ा)
पैराग्लाइडिंग के लिए विश्व प्रसिद्ध बीड़ की चार पंचायतों बीड़, चौगान, क्योर और गुनेहड़ को नगर पंचायत का दर्जा देने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। प्रदेश अर्बन डेवलपमेंट विभाग के निर्देशों के तहत शनिवार को एसडीएम देवी चंद ठाकुर की अध्यक्षता में चारों पंचायतों के प्रतिनिधियों से इस मामले को लेकर बैठक की।
बैठक में डीएसपी अनिल शर्मा, तहसीलदार रमन ठाकुर, सहायक टाउन प्लानर निशांत शर्मा और नप के सचिव आदित्य उपस्थित रहे। नपं बनाने को लेकर बीड़ और चौगान के पंचायत सदस्यों की सहमति रही और क्योर के आधे लोगों ने सहमति जताई, जबकि गुनेहड़ पंचायत ने मामला उच्च न्यायालय में होने पर असहमति जताई।
इस प्रकार आने वाले समय में इन चार पंचायतों को नपं का दर्जा दिया जा सकता है। इन चार में से तीन पंचायतों के प्रधान नपं का दर्जा देने के लिए मुख्यमंत्री को प्रस्ताव भी दे चुके हैं। इस मौके पर बीड़ के प्रधान सुरेश ठाकुर, चौगान के निगेश, क्योर के शिव कुमार और गुनेहड़ की अंजना और सभी वार्ड पंच और बीडीसी उपस्थित रहे।
उल्लेनीय है कि पर्यटन से संबंधित व्यावसायिक गतिविधियों को लेकर इन चारों पंचायतों और इनके आसपास का एरिया तेजी से आगे बढ़ रहा है। क्षेत्र में वर्तमान में 200 से अधिक होटल, होम स्टे और गेस्ट हाउस मौजूद हैं।
10 हजार की आबादी के विकास के लिए पंचायतों के तौर पर बहुत कम बजट उपलब्ध होता है और ऊपर से साडा तथा टीसीपी से सभी लोग परेशान हैं। नपं का दर्जा मिलने से लोगों को परेशानियों से निजात मिलेगी और सभी कार्य बीड़ में ही हो सकेंगे।
बैठक में मौजूद नपं बैजनाथ पपरोला के सचिव सचिव आदित्य चौहान के अनुसार बैजनाथ पपरोला नपं की आबादी 15 हजार है और विकास के लिए सालाना 9 करोड़ का बजट है। वहीं बीड़ की चार पंचायतों को महज एक करोड़ मिले हैं।
आवास योजना में नप में 750 घर बने, जबकि इन पंचायतों में मात्र 80, मनरेगा की दिहाड़ी पंचायतों में 325 और नपं में 420 है, पंचायतों में 100 दिन का और नप में 120 दिन का रोजगार है। इस प्रकार नपं का दर्जा प्राप्त होने पर बीड़ का एरिया और अधिक विकसित हो सकेगा।
वहीं इस संदर्भ में एसडीएम देवी चंद ठाकुर ने बताया कि सरकार के निर्देशों के बाद नगर पंचायत बनाने को लेकर साथ लगती चार पंचायतों प्रधानों के साथ बैठक की है। इस दौरान प्रधानों ने सहमति दी है, जिसे अब आगामी कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को भेजा जाएगा।