कुछ दिन पूर्व घोड़ा-खच्चरों से मारपीट पर जताया आक्रोश
हमारी पंचायत, देहरादून
ऊखीमठ के चोपता में घोड़ा-खच्चरों को पीटने के मामले में तुंगनाथ घाटी की छह ग्राम पंचायतों ने मस्तूरा में तुंगनाथ और चोपता के हक-हकूकधारियों की सुरक्षा के लिए सामूहिक बैठक की। कहा कि मक्कू वन पंचायत के कुछ लोग कारोबार में हस्तक्षेप कर रहे हैं। इस दौरान उनके हितों की अनदेखी करने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई।
रविवार को मस्तूरा में ग्राम पंचायत उषाड़ा, हुड्डू, दैड़ा, कांडा-बरंगाली, सारी और करोखी के पंचायत प्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने संयुक्त बैठक की। ग्राम पंचायत उषाड़ा के निवर्तमान ग्राम प्रधान कुंवर सिंह बजवाल ने कहा कि वन पंचायत मक्कू के कुछ लोगों की ओर से चोपता-तुंगनाथ क्षेत्र में कारोबार के लिए एकाधिकार किए हुए हैं जो अनुचित है। अब, इन लोगों की ओर से अन्य लोगों के साथ अभद्रता एवं मारपीट की जा रही है।
बैठक में ग्रामीणों ने अपने हक-हकूकों की सुरक्षा के लिए कई प्रस्ताव भी पारित किए जिसमें कहा गया कि सदियों से ही तुंगनाथ एवं चोपता में पूर्णरूप से उनके हक-हकूक संरक्षित हैं। राजस्व एवं भू-अभिलेखों और वनाधिकार में भी सभी छह ग्राम पंचायतों के हक-हकूकों का उल्लेख है।
पूर्व में भी छह ग्राम पंचायतों की ओर से तुंगनाथ, चोपता क्षेत्र में घोड़ा-खच्चरों का संचालन किया जाता था लेकिन अब वन पंचायत मक्कू के कुछ ग्रामीणों की ओर से हस्तक्षेप कर हमें हमारे हक-हकूकों से वंचित किया जा रहा है।
इस मौके पर निवर्तमान ग्राम प्रधान योगेंद्र सिंह नेगी, प्रदीप बजवाल, नंदन सिंह रावत, गजपाल सिंह भट्ट, दीपक लाल, यशवंत सिंह नेगी, दिनेश बजवाल, जीतपाल भट्ट, प्रवीण नेगी, संदीप सिंह नेगी आदि मौजूद थे।