32 हजार पंचायत सदस्यों के रिक्त पदों पर होगा उपचुनाव
हमारी पंचायत, देहरादून
उत्तराखंड में पंचायतों के चुनाव सम्पन्न हो गए लेकिन अधिकतर पंचायतें बिना पंच के ही पंचायतें चुनी गई और शपथ भी हो गई। ऐसे में सवाल उठता है कि पँच के बिना कौरम कैसे पूरा करेंगे। राज्य चुनाव आयोग को यह पहले ही सोचना चाहिए था कि पंच के उपचुनाव करने का मतलब फिर से चुनाव में जाना पड़ेगा।
त्रिस्तरीय पंचायत प्रणाली ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत और जिला पंचायत उत्तराखंड की ग्रामीण विकास योजनाओं और स्थानीय प्रशासन का आधार है। इतने अधिक पदों का खाली रहना विकास कार्यों में रुकावट पैदा कर सकता है। इसलिए आयोग इन चुनावों को प्राथमिकता से सम्पन्न कराने पर जोर दे रहा है।
हाल में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव
बहरहाल, हाल ही में संपन्न हुए त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के बाद बुधवार को नवनिर्वाचित प्रधानों का शपथ ग्रहण हो गई। लेकिन प्रदेश में अभी भी बड़ी संख्या में पंचायत पद खाली हैं। करीब 32 हजार ग्राम पंचायत सदस्य पद, 20 प्रधान पद और दो क्षेत्र पंचायत सदस्य पद रिक्त हैं। इन सभी पर राज्य निर्वाचन आयोग जल्द कराने की तैयारी में है। राज्य निर्वाचन आयोग को सभी जिलों से रिक्त पदों की जानकारी प्राप्त हो चुकी है।
इसलिए इंतजार में है आयोग
निर्वाचन आयोग का कहना है कि फिलहाल प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश, भूस्खलन और बादल फटने जैसी आपदाओं के कारण हालात चुनौतीपूर्ण हैं। इसलिए आयोग परिस्थितियों के सामान्य होने का इंतजार कर रहा है। जैसे ही हालात अनुकूल होंगे, आयोग चुनाव की अधिसूचना जारी करेगा।
हाल ही में हुए पंचायत चुनाव
प्रदेश में हाल ही में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव सम्पन्न हुए, जिनमें 12 जिला पंचायतों के अध्यक्ष और 89 ब्लॉक प्रमुखों का चुनाव किया गया। जिला पंचायत और ब्लॉक प्रमुख के लिए मतदान के बाद उसी दिन मतगणना भी हुई। कई जिलों में मुकाबला बेहद कड़ा रहा और कुछ जगहों पर मतभेद व विरोध भी देखने को मिला। इसके बावजूद चुनाव आयोग ने इसे सफलतापूर्वक पूरा कराया। अब बचे हुए रिक्त पदों पर चुनाव कराने से पंचायत व्यवस्था को मजबूती मिलेगी और स्थानीय विकास कार्यों को गति मिलेगी।