6 सितम्बर को देहरादून के कालसी, चकराता, त्यूणी व उत्तरकाशी जनपद के मोरी व पुरोला के स्कूलों में अवकाश
हमारी पंचायत, शिमला
आज महासू क्षेत्र का सबसे बड़ा पर्व हरियाली तीज अर्थात जागरा पर्व सभी महासू मंदिरों में धूम-धाम से मनाया जाएगा। गणेश तृतीया पर मनाए जाने वाले जागरा पर्व की तैयारियां पूरी हो गई हैं। महासू मंदिर हनोल समेत क्षेत्र के विभिन्न मंदिरों में शुक्रवार और शनिवार को लोग रतजगा कर देवता की आराधना करेंगे।

शुक्रवार से महासू क्षेत्र उत्तराखंड के ज़िला देहरादून के जौनसार-बावर जहां श्री महासू देवता का मूल स्थान है, इसके अलावा ज़िला उत्तरकाशी के पुरोला, मोरी और हिमाचल के ज़िला सिरमौर और ज़िला शिमला आदि क्षेत्रों में जहाँ के आराध्य देव महासू देवता है वहां शुक्रवार, शनिवार और रविवार को महासू जगरा पर्व मनाया जाएगा।
शुक्रवार से विभिन्न मंदिरों में तीन दिवसीय जागड़ा पर्व का आयोजन शुरू होगा। जिसके बाद देव पालकियों को मंदिरों के गर्भगृह से बाहर निकाला जाएगा। देव पालकियों को स्नान के लिए देवस्रोत ले जाया जाएगा। जिसके बाद लोग मंदिर परिसर में देवता की आराधना करेंगे।
गौरतलब है की एक समय में सतलुज से गंगा नदी के बीच का सम्पूर्ण क्षेत्र महासू क्षेत्र माना जाता था और जागरा, बूढ़ी दिवाली और पोष त्यौहार मुख्य पर्व होते थे। वैदिक विधि और अन्य त्यौहार इस क्षेत्र में बाद में आये और मनाएं जाने लगे।

इन क्षेत्रों में जागरा पर्व का विशेष महत्व है। इसके लिए क्षेत्र के मंदिरों को विशेष फूल-मालाओं और लड़ियों से सजाया गया है। शाम ढलते ही मंदिर रोशनी से नहा उठे। महासू मंदिर हनोल के श्रृंगार के लिए दूर -दूर से विशेष गेंदा के फूल मंगाए गए हैं।
उत्तराखंड के मंत्री सतपाल महाराज ने जिलाधिकारी देहरादून और उत्तरकाशी को हनोल स्थित महासू देवता मंदिर में आयोजित होने वाले जागरा पर्व के उपलक्ष्य में कालसी, चकराता, त्यूणी व उत्तरकाशी जनपद के मोरी व पुरोला के स्कूलों में अवकाश के निर्देश दिए थे। निर्देशों पर अमल करते हुए देहरादून व उत्तरकाशी के जिलाधिकारियों ने इन सभी क्षेत्रों में पहली से बारहवीं तक के सरकारी व गैर सरकारी विद्यालयों को बंद रखने के आदेश दिए हैं।